MNREGA Samman Yojana, कैबिनेट की मंजूरी के बाद भी 20 लाख से अधिक महिलाओं को नहीं मिले मनरेगा सम्मान के 7500 रुपए
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MNREGA Samman Yojana, कैबिनेट की मंजूरी के बाद भी 20 लाख से अधिक महिलाओं को नहीं मिले मनरेगा सम्मान के 7500 रुपए

By jobtak.xyz

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परिचय भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं गरीबों और मजदूर वर्ग के लिए सामाजिक सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। इनमें से एक प्रमुख योजना है महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को 100 दिन का रोजगार और मजदूरी सुनिश्चित की जाती है।

इसी कड़ी में, मातृत्व सहायता योजना (मनरेगा सम्मान) के तहत गर्भवती व धात्री महिलाओं को 7500 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जानी थी। हालांकि, कैबिनेट की मंजूरी के बावजूद 20 लाख से अधिक महिलाएं इस लाभ से वंचित हैं। यह स्थिति न सिर्फ योजना के क्रियान्वयन पर सवाल खड़े करती है, बल्कि सरकारी व्यवस्था की कमजोरियों को भी उजागर करती है। 

मनरेगा सम्मान योजना क्या है? MNREGA Samman Yojana

मनरेगा सम्मान योजना को 2013 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना था। इसके तहत, मनरेगा में काम करने वाली महिलाओं को दो किश्तों में 7500 रुपए (प्रथम किश्त: 4000 रुपए, द्वितीय किश्त: 3500 रुपए) दिए जाने का प्रावधान था। यह राशि उन्हें गर्भावस्था और प्रसूति के दौरान पोषण व स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए दी जाती थी। 

कैबिनेट की मंजूरी और फंडिंग का मुद्दा: 2021-12 में इस योजना को कैबिनेट की मंजूरी मिली थी, लेकिन 2015 तक इसे पूरी तरह लागू नहीं किया गया। 2016 में इसे राष्ट्रीय मातृत्व लाभ योजना (PMMVY) के साथ जोड़ दिया गया, जिसके बाद धीरे-धीरे इसका बजट कम होता गया। 2023-24 के बजट में इसके लिए अलग से कोई प्रावधान नहीं रखा गया, जिसके चलते लाखों महिलाओं को यह राशि नहीं मिल पाई। 

20 लाख महिलाओं को क्यों नहीं मिला लाभ? [MNREGA Samman Yojana]

1. फंड की कमी – सरकार ने इस योजना के लिए पर्याप्त बजट आवंटित नहीं किया, जिससे राज्यों को पैसा नहीं मिल पाया। 

2. प्रशासनिक लापरवाही – कई राज्यों में आवेदन प्रक्रिया जटिल होने के कारण महिलाओं तक जानकारी ही नहीं पहुंची। 

3. डेटा की कमी – मनरेगा में पंजीकृत महिलाओं का सही डेटा न होने से लाभार्थियों की पहचान नहीं हो पाई। 

4. योजना का विलय – PMMVY के साथ मर्ज होने के बाद इसका फोकस कम हो गया और धनराशि अन्य योजनाओं में चली गई। 

महिलाओं पर पड़ रहा प्रभाव: आर्थिक संकट – गर्भावस्था के दौरान काम न कर पाने के कारण महिलाओं की आय प्रभावित हुई। 

कुपोषण का खतरा – पोषण के लिए धन न मिलने से नवजात व माताओं का स्वास्थ्य खराब हुआ। शोषण बढ़ा – आर्थिक तंगी के कारण कई महिलाओं को ब्याज पर कर्ज लेना पड़ा।

सरकार की प्रतिक्रिया और आलोचना MNREGA Samman Yojana

सरकार का कहना है कि PMMVY के तहत 5000 रुपए दिए जा रहे हैं, लेकिन यह राशि मनरेगा सम्मान से कम है। सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि मनरेगा सम्मान को फिर से शुरू करना चाहिए, क्योंकि यह ग्रामीण महिलाओं के लिए जीवनरक्षक सहायता थी। 

निष्कर्ष: कैबिनेट की मंजूरी के बावजूद 20 लाख से अधिक महिलाओं का हक मारा जा रहा है। सरकार को चाहिए कि वह तुरंत फंड जारी करे और इस योजना को पारदर्शी तरीके से लागू करे, ताकि गरीब महिलाओं को उनका अधिकार मिल सके। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो यह सरकारी योजनाओं पर जनता का भरोसा और कमजोर होगा। 

इसमें योजना के तथ्यों, समस्याओं और समाधानों को विस्तार से समझाया गया है। MNREGA Samman Yojana

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